उत्तर प्रदेश सरकार ने छोटे गन्ना किसानों के लिए सत्र 2025-26 का गन्ना सर्वे शुरू कर दिया है। साथ ही सत्र 2025-26 के लिए भी गन्ना सर्वे गांव-गांव में तेजी से किया जा रहा है। किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर गन्ना सर्वे से संबंधित जानकारी भेजी जा रही है। इस संदेश में किसान के गांव का नाम, सर्वे अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और सर्वे की तारीख व दिन की जानकारी दी जा रही है। किसानों से निवेदन है कि सभी गन्ना किसान अपना सर्वे अवश्य करवाएं, अन्यथा गन्ना पर्ची में दिक्कत हो सकती है।
गन्ना सर्वे कैसे करवाएं – Caneup 2025-26?
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए गन्ना विभाग ने एसएमएस के माध्यम से सर्वे की सूचना जारी की है। इस सूचना में सर्वे अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और सर्वे की तारीख व दिन दिया गया है। किसान इन जानकारियों के आधार पर अपने क्षेत्र के गन्ना अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं और अपना गन्ना सर्वे करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान caneup की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।
गन्ना सर्वे क्यों जरूरी है और किसानों को इससे क्या लाभ होता है?
गन्ना सर्वे हर साल इसलिए किया जाता है ताकि किसानों के गन्ने का रिकॉर्ड गन्ना मिल, गन्ना समिति और गन्ना विभाग के पास रहे। इस रिकॉर्ड के आधार पर किसानों को समय-समय पर गन्ना पर्ची जारी की जाती है। गन्ने को मुख्यतः दो प्रकारों में बांटा गया है – प्लांट और पाड़ी। जब किसान पहली बार अपने खेत में गन्ना लगाते हैं, तो उसे प्लांट गन्ना कहते हैं और उसका सर्वे जून और जुलाई में करवाना जरूरी होता है। पाड़ी गन्ना वह होता है जो पिछले साल के प्लांट गन्ने से बढ़ता है।
सत्र 2025 का गन्ना सर्वे क्यों खास है?
सत्र 2025 का गन्ना सर्वे अन्य वर्षों से अलग है। इस साल केवल प्लांट गन्ने का सर्वे किया जाएगा, क्योंकि पिछले साल किए गए प्लांट गन्ने के सर्वे को इस साल पाड़ी के तौर पर दर्ज किया जाएगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा और सर्वे के काम में तेजी आएगी।
इस साल का गन्ना सर्वे डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है, जिससे सर्वे की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हो गई है। किसानों को सर्वे के तुरंत बाद सर्वे की पर्ची भी प्रदान की जाएगी ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो।
गन्ना सर्वे 2025 में क्या ध्यान रखना चाहिए?
सर्वे की तारीख याद रखें:
गन्ना सर्वे के दिन अपने प्लांट और पाड़ी गन्ने का सर्वे करवा लें ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो।
सर्वे की सही जानकारी दें:
अपने खेत का सर्वे सही तरीके से करवाएं। अगर खेत में पाड़ी गन्ना है, तो उसका सर्वे भी सुनिश्चित करें।
सर्वे की पर्ची लें:
सर्वे के तुरंत बाद गन्ना अधिकारी से पर्ची अवश्य लें। पर्ची में नाम, खेत का नाम, सर्वे की स्थिति, गन्ने का प्रकार और क्षेत्रफल की जानकारी चेक करें।
फाइनल पर्ची की जांच करें:
सर्वे के कुछ दिनों बाद फाइनल पर्ची मिलती है। इसे ध्यान से जांचें और किसी समस्या की स्थिति में गन्ना अधिकारी या गन्ना समिति से संपर्क करें।
सर्वे न करवाने पर नुकसान:
यदि किसान अपना गन्ना सर्वे नहीं करवाते, तो उन्हें गन्ना पर्ची नहीं मिलेगी। इसलिए समय पर सर्वे करवाना जरूरी है।
गन्ना सर्वे 2024-25 और 2025-26 के सत्रों के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल किसानों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि उनकी आय में भी सुधार करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गन्ना सर्वेक्षण क्यों आवश्यक है?
गन्ना सर्वेक्षण गन्ना बुवाई और फसल की स्थिति के बारे में जानकारी दर्ज करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया चीनी मिलों द्वारा पर्चियाँ जारी करने और किसानों को उनकी उपज का सही भुगतान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
गन्ना सर्वेक्षण कब और कैसे किया जाता है?
गन्ना सर्वेक्षण आमतौर पर गन्ना विभाग द्वारा निर्धारित समय अवधि के भीतर किया जाता है। किसान गन्ना समितियों से संपर्क करके या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर सर्वेक्षण करवा सकते हैं।
गन्ना सर्वेक्षण न होने पर क्या होगा?
यदि समय पर गन्ना सर्वेक्षण नहीं किया जाता है, तो आपकी फसल का रिकॉर्ड गन्ना विभाग के पास नहीं होगा। इससे आपको गन्ना पर्चियाँ जारी करने और भुगतान प्राप्त करने में समस्या हो सकती है।
गन्ना सर्वेक्षण के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
- आधार कार्ड
- खतौनी (भूमि अभिलेख)
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
- गन्ना पंजीकरण संख्या (यदि उपलब्ध हो)
गन्ना सर्वे ऑनलाइन कैसे करें?
आप caneup.in वेबसाइट पर जाकर अपने गन्ना सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके लिए:
- वेबसाइट पर लॉगिन करें।
- गन्ना किसान रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें।
- आवश्यक जानकारी भरें और सबमिट करें।