उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन होता है और 2024-25 का गन्ना सीजन शुरू होने वाला है। इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, गन्ना विभाग और किसान पूरी तरह से तैयार हैं। गन्ना किसानों का सर्वे पूरा हो चुका है और गन्ना मिलों का निरीक्षण भी हो चुका है। हालांकि अभी कच्चे कैलेंडर की छपाई बाकी है। सरकार की योजना के मुताबिक इस साल नवंबर के पहले हफ्ते में गन्ना मिलें शुरू हो जाएंगी।
हर गांव में गन्ना सर्वे और सट्टा प्रदर्शन
गन्ना किसानों के लिए गांव-गांव जाकर गन्ना सर्वे और सट्टा प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि हमारे देश के बहुत से किसान पढ़े-लिखे नहीं हैं और उन्हें अपने सर्वे और सट्टे की जानकारी मिलने में परेशानी होती है।
प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की अध्यक्षता में गन्ना संस्थान में समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान सत्र 2024-25 के लिए चीनी मिलों के गन्ना कैलेंडरिंग, असंबद्ध क्षेत्र और ग्रामवार सर्वेक्षण की प्रगति विषय पर चर्चा की गई।
यदि किसी किसान को लगता है कि सर्वेक्षण और सट्टा प्रदर्शन में कोई समस्या है, तो वह वहां शिकायत कर सकता है। लेकिन यदि वह ऐसा नहीं कर सकता है, तो उसे गन्ना पर्यवेक्षक और गन्ना समिति में शिकायत करनी चाहिए। इससे पेराई सत्र 2024-25 में किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सकेगा।
पेराई सत्र 2025-26 में गन्ना किसानों को विशेष तोहफा
2025-26 का पेराई सत्र गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार ने छोटे किसानों का ख्याल रखते हुए उनके सट्टा संख्या को बढ़ाने और अधिक गन्ना पर्चियां देने का वादा किया है।
पिछले वर्षों में छोटे गन्ना किसानों को बहुत कम पर्चियां मिलती थीं, जिसके कारण वह अपना गन्ना सरकारी दर पर बेचने के बजाय माफिया को बेच देते थे। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने इस सत्र में छोटे किसानों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
अब छोटे किसानों और नए गन्ना किसानों को भी गन्ना पर्चियां मिलेंगी। पिछले साल शुरू की गई नई सट्टा योजनाओं और सट्टा सर्वे के आधार पर किसानों को पर्चियां मुहैया कराई जाएंगी, ताकि वे चीनी मिलों को अधिक से अधिक गन्ना सप्लाई कर सकें।
2025-26 सत्र में गन्ना विभाग के लिए क्या खास है?
पिछले कुछ सालों में गन्ने की किस्मों खासकर CO 0238 के पुराने होने की वजह से उत्पादन में कमी और बीमारियों की समस्या देखने को मिली थी। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और गन्ना विभाग ने किसानों को नई किस्मों के गन्ना बीज मुहैया कराए हैं। इन नई किस्मों की वजह से 2025-26 में अधिक पैदावार और कम बीमारियां देखने को मिलेंगी।
CO 0238 किस्म के विलुप्त होने की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन अब नई किस्म के बीजों से बेहतर उत्पादन होगा। उत्तर प्रदेश सरकार की इन पहलों की वजह से इस साल गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन और पेराई होने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है और यहां से दुनिया भर में सबसे ज्यादा चीनी का निर्यात होता है। इस वर्ष का पेराई सत्र न केवल किसानों के लिए बल्कि पूरे गन्ना उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आवेदन पत्र कैसे देखें?
किसान ई-गन्ना ऐप या पोर्टल के माध्यम से अपनी पर्ची देख सकते हैं।
शिकायत कैसे दर्ज करें?
किसान अनुरोध सर्वेक्षण और सट्टा प्रदर्शन के दौरान या सेटअप विभाग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
यह नया उत्पाद लोगों के लिए क्या अच्छा बनाता है?
नए सॉसेज रोग प्रतिरोधी हैं और अधिक नए उत्पाद हैं।
पंजीकरण जानकारी कैसे प्राप्त करें?
प्राप्तकर्ता किसान ई-गन्ना ऐप के इंटरनेट संस्करण का उपयोग करके उन पर किए गए भुगतान का विवरण देख सकते हैं।
छोटे किसानों को क्या विशेष सुविधाएँ दी जाएँगी?
हाँ, सत्र 2024-25 में जारी किए जाने वाले सट्टे और सीएसई मिलों में छोटे किसानों को प्राथमिकता बरकरार रहेगी।
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